नरुका राजपूतों की उत्पत्ति
🔷 नरुका राजपूतों का विस्तृत इतिहास 🔷 नरुका राजपूत कछवाहा वंश की एक प्रमुख शाखा हैं, जिनका राजस्थान के इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इनका संबंध मुख्य रूप से जयपुर राज्य से रहा है, और इन्होंने विभिन्न युद्धों में वीरता, रणनीति और बलिदान का परिचय दिया है। नरुका वंश अपने सैन्य पराक्रम, प्रशासनिक कुशलता और राजनैतिक सूझबूझ के लिए प्रसिद्ध रहा है। 🔹 नरुका राजपूतों की उत्पत्ति 🔸 नरुका वंश की स्थापना नरु सिंह कछवाहा के वंशजों द्वारा की गई थी, इसी कारण इन्हें "नरुका" कहा जाने लगा। 🔸 यह वंश जयपुर के कछवाहा राजाओं का एक महत्वपूर्ण अंग था और राज्य की रक्षा और विस्तार में अहम भूमिका निभाता था। 🔸 नरुका राजपूतों के प्रमुख ठिकानों में तोड़ा, लावा, बुचो, बामनवास, करौली, टोंक और मालपुरा शामिल थे। 🔹 नरुका वंश की प्रमुख शाखाएँ और ठिकाने नरुका राजपूतों ने राजस्थान में कई क्षेत्रों पर शासन किया और अपनी सत्ता स्थापित की। इनके कुछ प्रमुख ठिकाने निम्नलिखित हैं— 1️⃣ तोड़ा (टोंक जिला) 🔹 नरुका राजपूतों का सबसे प्रमुख ठिकाना। 🔹 यह क्षेत्र सैन्य गतिविधियों और प्रशासन का केंद्र था। 🔹 ...